गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरुकता दिवस पर गोरखपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कैंपस में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष गिरीजेश कुमार पाण्डेय ने कहा गिद्ध हमारे प्राकृतिक निशुल्क सफाईकर्मी हैं। उनकी प्रजाति को विलुप्त करने में सबसे बड़ी भूमिका मनुष्यों की रही, अब इन्हें संरक्षित करने का दायित्व भी हम मनुष्यों पर ही है। अकेले सरकार नहीं बल्कि जनसहयोग से ही उनकी प्रजाति को संरक्षित किया जा सकेगा। हमारी खाद्य श्रृंखला का अहम हिस्सा रहे गिद्धों संरक्षण के लिए युवाओं को पहल करनी होगी।
श्री पाण्डेय, बतौर अध्यक्ष शनिवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में अंतराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर ‘गिद्ध संरक्षण- पर्यावरण संरक्षण’ विषयक संवाद 2022 एवं ‘फिल्म्स फॉर ह्यूमैनिटी’ श्रृंखला में ग्रीन आस्कर से सम्मानित माइक हरगोविंद पाण्डेय की फिल्मों के प्रदर्शन कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ छात्र क्रिया कलाप परिषद एमएमएमयूटी, हेरिटेज फाउंडेशन एवं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जेपी पाण्डेय, अध्यक्षता कर रहे स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष गिरीजेश कुमार पाण्डेय, मुख्य वक्ता अधिष्ठाता नियोजन, स्त्रोत जनन एवं पुरातन छात्र सम्बन्ध प्रोफेसर गोविंद पाण्डेय,छात्र क्रिया कलाप परिषद के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार सोनी, उपाध्यक्ष डॉ सुधीर नारायण सिंह एवं हेरिटेज फाउंडेशन (Heritage Foundation) की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने मॉ शारदे एवं महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
Heritage Foundation ने किया सबका स्वागत
विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ सुधीर नारायण सिंह ने पौराणिक ग्रंथों, महाकवि रामधारी सिंह दिनकर के रश्मिरथी महाकाव्य, जौनाथन लिविंगस्टन के सीगल, अभिज्ञान शाकुंतलम, गुरु गोविंद सिंह का जिक्र करते हुए छात्रों को गिद्ध संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। डॉ संजय कुमार सोनी ने सभी अतिथियों का हेरिटेज फाउंडेशन एवं क्रिया कलाप परिषद की ओर से स्वागत किया। विश्वास दिलाया कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन किए जाएंगे।
गिद्ध संरक्षण के लिए मोदी -योगी सरकार गंभीर
मुख्य वक्ता प्रोफेसर (डॉ) गोविंद पाण्डेय ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश में गिद्धराज जटायु के प्रजनन एवं संरक्षण के लिए केंद्र की मोदी एवं प्रदेश की योगी सरकार गंभीर है। लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब पशुओं पर प्रतिबंधित डाइक्लोफेनिक दवाएंओं के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने में सफल हो। 16 साल बाद भी मनुष्य के लिए इस्तेमाल होने दवाएं आज भी डोज बढ़ा कर पशुओं में इस्तेमाल हो रही हैं। नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लैमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) एक्लोफेनैक, कीटोप्रोफेन और निमेसुलाइड के भी पशुओं में इस्तेमाल को रोकना और मेलॉक्सिकैम एवं टॉल्फेनैमिक एसिड को सुरक्षित विकल्प के रुप में लोकप्रिय बनाना होगा।
सनातन वैदिक ऋचाओं का मूलकथ्य ही प्रकृति के संतुलन से जुड़ा हुआ
डॉ अनिता अग्रवाल ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति, सनातन वैदिक ऋचाओं का मूलकथ्य ही प्रकृति के संतुलन से जुड़ा है। गोस्वामी तुलसीदास लिखते हैं कि सम्पाती नाम के गिद्ध ने ही सौ जोजन अर्थात 1200 किमी की दूरी पर अशोक वाटिका मे माता सीता के होने की सूचना भगवान हनुमान को दी थी। मॉ सीता की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति देने वाले गिद्ध राज के संरक्षण के लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार गोरखपुर वन प्रभाग में देश का पहला गिद्धराज (रेड हेडेड वल्चर) का प्रजनन एवं संरक्षण सेंटर भी नए साल से संचालित करने जा रहीं है।
कार्यक्रम में हेरिटेज फाउंडेशन (Heritage Foundation) के ट्रस्टी अनिल कुमार तिवारी, नरेंद्र कुमार मिश्र, मनीष चौबे, शिवेंद्र यादव, हेरिटेज वारियर्स की संयोजिका मल्लिका मिश्रा, अभिषेक बघेल, आरजे भारती, सैयद फरहान अहमद समेत 200 की संख्या में इंजीनियरिंग के छात्र एवं शिक्षक मौजूद रहे।