Maharana Pratap Shiksha Parishad Sansthapak Samaroh: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने कहा कि शिक्षा, गरीबी दूर करने की चेतना लाने का एकमात्र माध्यम है। किसी बड़े घराने में पैदा होना भाग्य पर निर्भर है लेकिन शिक्षा से एक व्यक्ति बड़े घरानों से भी आगे अपना यश लिख सकता है। शिक्षा ने भाग्य आधारित समृद्धि के पुराने रास्ते की अवधारणा को बदल दिया है। शिक्षा के इसी महत्व के कारण 91 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने शिक्षा को समग्र विकास के माध्यम के रूप में चुना और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह समारोह
हरिवंश नारायण रविवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा से यश गाथा लिखने के संदर्भ में इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति का उद्धरण देते हुए कहा कि शिक्षा के बूते ही उन्होंने दुनिया की प्रतिष्ठित कम्पनी बना डाली। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने शिक्षण संस्थानों के कारण ही आज लीडर बना हुआ है। दुनिया को बदलने वाले अनुसंधान शिक्षण संस्थाओं से ही निकलते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के योगदान की चर्चा करते हुए हरिवंश नारायण ने कहा कि इस शिक्षा परिषद में बौद्धिक, मानसिक, शारीरिक विकास के साथ चरित्र निर्माण का जो काम होता है वह शायद ही दुनिया में कहीं और होता होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में नकल रोकने को सीएम योगी के नेतृत्व में हुआ बड़ा प्रयास
राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में नकल रोकने का बड़ा प्रयास हुआ है। यूपी में एक दौर ऐसा भी आया था जब परीक्षार्थी से अधिक नकल करने वाले दिखते थे। यह प्रतिभाओं के साथ अन्याय था। नकल विहीन परीक्षा से प्रतिभाओं को मौका मिला है और इससे यूपी के विद्यार्थी दुनिया में रहनुमाई करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभा पूरी तरह प्रकृति प्रदत्त नहीं होती है बल्कि इसके लिए परिश्रम व संकल्प जरूरी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन द्वारा अपने बच्चे के विद्यालय के शिक्षक को लिखे गए एक पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नल से पास होने की बजाय फेल होना बेहतर है।
उन्होंने कहा कि सीएम योगी की पहल पर उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर नए शिक्षकों की नियुक्ति हुई है और बच्चों की उपस्थिति भी विद्यालयों में बढ़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षण संस्थानों के इंडस्ट्री से जुड़ने और नवाचार, अनुसंधान पर ध्यान देने के आह्वान की तारीफ करते हुए राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि इससे कई चुनौतियों का समाधान निकलेगा।
जनजागरण सेवा व शिक्षा का केंद्र है गोरक्षपीठ
गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली पर आने को गौरव बताते हुए राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि नाथ पंथ की सर्वोच्च पीठ होने के साथ गोरक्षपीठ जनजागरण, शिक्षा और सेवा का भी केंद्र है। इस पीठ के युगद्रष्टा ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने शैक्षिक क्रांति और राष्ट्रीयता की अदम्य भावना से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की तो ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने उनके विजन को आगे बढ़ाया और सामाजिक कुरीतियों से लड़कर सामाजिक समरसता को भी मजबूत किया। वर्तमान महंत योगी आदित्यनाथ इन सभी कार्यों को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं। गोरक्षपीठ के मार्गदर्शन में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्कार देने वाली और नए इंसान को बढ़ाने वाली शिक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ा रही है।