Navratri Special: गोरखपुर के गूरम समय माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। भक्तों का मानना है कि यहां मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है। यहां सोमवार व मंगलवार के दिन भक्तों की काफी भीड़ रहती है।
मां गूरम समय का मंदिर
गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर गोरखपुर मुख्यालय से 25 किमी पर पीपीगंज- फरदहनि मार्ग के पंचगांवा-फरदहनि गांव के मध्य 200 मीटर उत्तर मां गूरम समय का मंदिर है। यहां आने-जाने के लिए मुख्यालय तथा पीपीगंज से हर समय निजी वाहन सुलभ रहते हैं। परिसर में भगवान शिव का मंदिर, धर्मशाला व यज्ञशाला भी है। यहां नवरात्र में भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है।
पांडवों ने किया अज्ञातवास के समय विश्राम
मान्यता के अनुसार द्वापर युग में यहां यह सिंघोर वन था। पांडवों ने अज्ञातवास के समय यहां विश्राम किया था। उन्होंने यहां पिंडी बनाकर मां गूरम समय की पूजा-अर्चना किए थे।
यहां लोग सुख-शांति, समृद्धि तथा संतान प्राप्ति के लिए मन्नतें मांगते हैं। मन्नतें पूरी होने पर लोग पीतल के घंटे व हलवा-पूड़ी चढ़ाते हैं। प्रसाद श्रद्धा से ग्रहण करने के बाद घर भी ले जाते हैं। अनेक मांगलिक कार्य भी संपन्न किए जाते हैं। परिसर में भगवान शिव का मंदिर, धर्मशाला व यज्ञशाला भी है। यहां नवरात्र में भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है प्रत्येक सोमवार व मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी दर्शन को आते हैं।
एक ही रात में 33 एकड़ का पोखरा
एक किदवंती के अनुसार लगभग 200 वर्ष पहले थारुओं ने एक ही रात में 33 एकड़ का पोखरा खोद कर टीला और 25 फीट की ऊंचाई पर भव्य मंदिर का निर्माण किया था। साथ ही मिट्टी का हाथी बना कर पूजा-पाठ शुरू किया था। मंदिर वट वृक्षों से घिरा हुआ है। इसका जीर्णोद्धार 1995-96 में श्रद्धालुओं ने कराया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधायक फतेहबहादुर सिंह के प्रयास से मंदिर का सुंदरीकरण कराया गया है।
More Stories
तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने में सभी कार्यकर्ताओं का अहम योगदान : सीएम योगी
Gorakhpur Zoo: सीएम योगी ने कहा, जाओ और बाड़े में चला गया बब्बर शेर
राष्ट्रीय आय एवं पात्रता परीक्षा 2024 में पूर्व माध्यमिक विद्यालय विश्वनाथपुर के तीन छात्र सफल, इंटरमीडिएट तक मिलेगी छात्रवृत्ति