July 7, 2024

UP का पॉवर सेंटर गोरखपुर के नाम एक और उपलब्धि: सबसे अधिक कुलपति देने का रिकॉर्ड भी बनाने जा रहा

एक दशक में इस विश्वविद्यालय ने देश व प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आठ कुलपति दे दिए हैं।

DDU the nursery of Vice Chancellors: आजादी के बाद स्थापित होने वाले पहले राज्य विश्वविद्यालय के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा तो शिक्षा जगत में पहले से रही है लेकिन पिछले एक दशक में इस विश्वविद्यालय ने कुलपतियों की नर्सरी के रूप में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। हालांकि, पहले भी इस विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति बनकर संस्थान का नाम किया है लेकिन बीते एक दशक में तो इसे लेकर इतिहास कायम हो गया है।

एक दशक में 8 कुलपति इसी विवि से

मात्र एक दशक में इस विश्वविद्यालय ने देश व प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आठ कुलपति दे दिए हैं। बीते एक दशक से प्रो.रजनीकांत पाण्डेय के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति बनने से शुरू हुआ यह क्रम प्रो.संजीत गुप्त के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया का कुलपति बनने तक अनवरत जारी है।

सिद्धार्थ विवि के पहले कुलपति बने थे प्रो रजनीकांत

विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष मो. रजनीकांत को 2015 में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय का पहला कुलपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इधर, विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रचार्य प्रो. संजीत गुप्त को दो दिन पहले ही चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय का कुलपति का दायित्व मिला है।

दो विवि की कमान संभाल चुके प्रो सुरेंद्र दूबे

हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. सुरेंद्र दूबे तो बतौर कुलपति दो विश्वविद्यालय के मुखिया रह चुके हैं। उन्हें पहले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया फिर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी दी गई।

तीन से अधिक विवि के कुलपति रहे प्रो राजेंद्र प्रसाद

रक्षा अध्ययन विभाग के लंबे समय तक अध्यक्ष रह चुके प्रो. राजेंद्र प्रसाद रज्जू भैया इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बनाए गए। बाद उन्हें मगध विश्वविद्यालय का कुलपति भी बनाया गया। वह गोरखपुर विवि के भी कुलपति रह चुके हैं।

बीते वर्ष विधि विभाग के डीन को राजा महेंद्र सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी दी गयी। प्रो. चंद्रशेखर इस विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बनाये गए वह आज
भी यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

इन्हें मिला केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति बनने का सौभाग्य

बीते एक दशक में विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। DDU के भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.कामेश्वर नाथ सिंह दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालयगया के कुलपति बने। तो राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी को इंदिरा गांधी जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति की जिम्मेदारी मिली।

संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. मुरली मनोहर पाठक को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति बनाये गए। यह तीनों ही आचार्य वर्तमान में कुलपति की जिम्मेदारी संभाल रहे है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के यह शिक्षक भी बन चुके हैं कुलपति

  • गोविंद चंद पांडेय,
  • विद्या निवास मिश्रा
  • प्रो. एसपी नागेंद्र
  • आरपी रस्तोगी
  • प्रो. हरिशंकर चौधरी
  • प्रो. एसी बनर्जी
  • एनके सान्याल
  • प्रो. आरसी मेहरोत्रा
  • प्रो. यूपी सिंह
  • वीएस पाठक
  • प्रो. बीबी सिंह विशेन
  • देवेंद्र शर्मा
  • प्रो. रामअचल सिंह
  • प्रो. गिरीश्वर मिश्र
  • राधे मोहन मिश्र
  • प्रो. एके मित्तल
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