खागी मुंडेरा में फिर धधकी बदले की आग: खूनी दुश्मनी से फिर लाल हुई कुशीनगर की धरती

अवधेश मल्ल
कुशीनगर।
जिले के हाटा तहसील क्षेत्र में एक बार फिर दशकों पुरानी दुश्मनी में खून से यहां की धरती लाल हो गई। शनिवार की देर शाम इंजीनियर कमलेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। खागी मुंडेरा गांव में सरेशाम हुई इस हत्या के बाद दशकों से चली आ रही खूनी दुश्मनी की ज्वाला एक बार फिर धधक उठी है। हत्या की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। पूरा गांव छावनी में तब्दील हो चुका है। रविवार को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच ई.कमलेश सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें क्षेत्र ही नहीं आसपास के जिलों के सैकड़ों गणमान्य व वीआईपी पहुंचे थे।

खागी मुंडेरा में फिर लिखी गई बदले और रंजिश की कहानी

जिले की राजनीति में तेजी से जगह बना रहे इंजीनियर कमलेश सिंह की शनिवार की देर शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्यारों के आधुनिक असलहों से बरसायी गयी 3 गोलियां लगने से इंजीनियर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस दु:साहसिक हत्या के साथ ही करीब एक दर्जन लोगों की जान ले चुकी खूनी दुश्मनी की ज्वाला एकबार फिर धधकने लगी है। स्थिति की नजाकत भांपते हुए हाटा कोतवाली के गांव खागी मुंडेरा में भारी-भरकम पुलिस फोर्स तैनात कर दी गयी है।

शनिवार की रात में जिलाधिकारी व एसपी कुशीनगर घंटों तक खागी मुंडेरा गांव में जमे रहे। पुलिस और प्रशासन के तमाम आला अधिकारी गांव में कैंप कर रहे हैं। पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। उधर, पूर्व नियोजित इस हत्या कांड में आरोपी पासवान परिवार के लोग फरार हो गये हैं।

क्षेत्र में हत्या से आक्रोश

इंजीनियर कमलेश की हत्या को लेकर खागी मुंडेरा गांव ही नहीं पूरे हाटा कोतवाली क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश है। मल्ल- सैंथवार स्वाभिमान मोर्चा भी पीड़ित परिवार के समर्थन में अपने लोगों को गांव में पहुंचने की अपील किया है। मृतक की मां जामवंती देवी सुकरौली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य हैं। मृतक इंजीनियरिंग के साथ-साथ वकालत की भी डिग्री ले रखी थी और हाटा तहसील में प्रैक्टिस भी करते थे।

कैसे दिया घटना को अंजाम?

इंजीनियर कमलेश सिंह अपने पिता व एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के साथ कही गये हुए थे। शनिवार की शाम को करीब 7 बजे गांव वापस आने के बाद वह संतोष सिंह के घर पर चले गये। बताते हैं कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख का पुत्र व गांव का वर्तमान प्रधान धर्मेन्द्र पासवान ने संतोष सिंह की पुत्री को थप्पड़ मार दिया था। कमलेश सिंह अभी संतोष सिंह को समझा ही रहे थे कि गांव का मौजूदा ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र पासवान अपने लोगों के साथ वहां पहुंच कर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगा। तीन गोलियां लगने के बाद इंजीनियर कमलेश सिंह जमीन पर गिर पड़े। परिजन उन्हें पीएचसी सुकरौली लाए लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गोलियां चलाने के बाद धर्मेंद्र पासवान व उसके साथी फरार हो गये। रविवार को कमलेश सिंह के पिता राधाकृष्ण सिंह की तहरीर पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है।

दुश्मनी न जाने किस अंजाम तक पहुंचे

खागी मुंडेरा गांव में दोनों परिवारों के बीच की दुश्मनी की कहानी कई दशक पुरानी है। कमलेश सिंह के पिता राधाकृष्ण प्रताप सिंह और इसी गांव के निवासी व सुकरौली की पूर्व प्रमुख के पति सुकदेव पासवान के बीच लगभग 25 वर्षों से खूनी दुश्मनी चली आ रही है। सुकदेव पासवान व उनके परिजनों के आतंक के खिलाफ जब राधाकृष्ण प्रताप सिंह ने आवाज उठाई तो मामला खूनी दुश्मनी तक पहुंच गया। इस खुनी दुश्मनी में एक के बाद एक दोनों पक्षों को मिला कर करीब एक दर्जन लोगों की हत्या हो चुकी है। उस समय कमलेश इंजीनियरिंग के छात्र थे। बड़े भाई अनिरुद्ध सिंह की न्यायालय से आजीवन कारावास हो जाने के बाद इंजीनियर कमलेश सिंह गांव आ गये और परिवार संभालने लगे। इसी बीच उन्होंने ने वकालत की भी डिग्री ले ली। इंजीनियर कमलेश सिंह पहचान बनानी शुरू कर दी।

राजनीति में पकड़ कर रहे थे मजबूत

इंजीनियर कमलेश सिंह व उनके परिवार की आम लोगों में पापुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में कमलेश सिंह की मां जामवंती देवी निर्दल चुनाव लड़ी थीं और 27388 वोट पाने में सफल रहीं। जिलापंचायत के बीते चुनाव में कमलेश सिंह अपनी मां जामवंती देवी को भारी मतों जीताने में सफल रहे। बीते नगर पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मृतक की भाभी चुनाव भी लड़ चुकीं हैं।

खागी मुंडेरा की वीडियो स्टोरी देखिए…