मुनव्वर राना का बेटा तबरेज राना गिरफ्तार, पारिवारिक संपत्ति हड़पने की साजिश में चलवाया था खुद पर गोली

लखनऊ। मशहूर शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पारिवारिक विवाद के एक मामले में राना के फरार चल रहे बेटे तबरेज राना गिरफ्तार कर लिए गए हैं। बुधवार को लखनऊ शहर कोतवाली पुलिस व एसओजी टीम ने तबरेज (Tabrej Rana) को अरेस्ट किया। पुलिस चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। तबरेज पर आरोप है कि उसने पट्टीदारों को फंसाने के लिए खुद पर गोली चलवाई थी।
शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) के बेटे तबरेज राना पर बीती 28 जून को रायबरेली के त्रिपुला चौराहे के पास हमला हुआ था। इस मामले में तबरेज ने अपने चाचा और अन्य परिजनों के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस जांच में मामले ने नया मोड़ ले लिया।

पुलिस ने बताई यह कहानी

पुलिस ने तबरेज राना पर हुए हमले की जांच शुरू की तो मामला दूसरी ओर मुड़ता दिखा। पुलिस की जांच में यह पता चला कि तबरेज राना ने पैतृक संपति को बेचने के बाद अपने चाचा और चचेरे भाई को फंसाने के लिए खुद पर हमला कराया था। 28 जून की शाम लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर शहर कोतवाली के त्रिपुला चौराहे के पास स्थित पेट्रोल पंप के बाहर उसने खुद पर गोली चलवाई थी। पुलिस ने यह दावा सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर किया है।
असलियत सामने आने के बाद गोली चलाने वाले बाइक सवार युवक समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।

तबरेज राना मामला उलटने के बाद से चल रहे थे फरार

वारदात के खुलासे के बाद आरोपी बनाए गए तबरेज राना तब से फरार चल रहे थे। पुलिस ने बताया कि 13 अगस्त को तबरेज राना ने न्यायालय में सरेंडर के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। लेकिन उसके बाद भी वह न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ था। कोर्ट ने मंगलवार को तबरेज राना के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
पुलिस टीम ने बुधवार को आरोपी तबरेज राना को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।
एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि खुद पर गोली चलवाने की योजना बनाने वाले आरोपी तबरेज राना को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है।

पैतृक संपत्ति 85 लाख रुपये में बेची थी तबरेज ने

दरअसल, राना परिवार (Munawwar Rana) की पैतृक संपति को तबरेज राना ने 85 लाख रुपए में बेच डाला था। इसके बाद खुद पर गोली चलवाने की योजना बनाई, जिससे उसका चाचा और चचेरा भाई फंस जाए।
बताया जा रहा है कि परिवार के किसी सदस्य को संपत्ति बेचे जाने की भनक तक नहीं लगी।