November 22, 2024
Lord Shiva

रथ पर भगवान शिव, पीछे-पीछे देवता, ऋषि-मुनि, यक्ष, किन्नर, भूत- पिशाच

भगवान शिव का गंगा जल, दूध, दही, शहद, शक्कर, सफेद फूल, धतूरा, मदार, गन्ने का रस, शमी और बेलपत्र से अभिषेक करना चाहिए इससे सभी परेशानिया खत्म होती है
ओम नमः शिवाय आश्रम में शिव-पार्वती विवाह धूमधाम से संपन्न
वैदिक मंत्रोचार के साथ पूरी हुई विवाह की सभी रस्में महिलाओं ने गाया मंगल गीत
आश्रम में दिन भर विशाल भण्डारे का भी हुआ आयोजन
सनातन धर्म की मजबूती के लिए भारतीय संस्कृति पर देना होगा जोर: गुरूदेव

लखनऊ । ओम नमः शिवाय आश्रम की ओर से महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में राजधानी लखनऊ के गोमती नगर विस्तार के विज्ञान खण्ड – 4 जयपाल खेड़ा में रविवार को भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ। इस दौरान विशाल भण्डारे मे बडी संख्या मे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
आश्रम के पूर्व गुरुदेव के नेतृत्व में भगवान शिव की भव्य बारात एक शोभायात्रा में निकाली गयी। आगे-आगे रथ पर भगवान शिव और पीछे-पीछे सभी देवता, ऋषि-मुनि, यक्ष, किन्नर, गंधर्व और भूत- पिशाच इस बारात में शामिल हुए।

आश्रम परिसर को हिमालय के आवास की तरह सजाया

शोभायात्रा के आश्रम पहुंचने पर बारातियों का परंपरागत तरीके से भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का विधि- विधान से आचार्य कृष्ण देव पाण्डेय ने विवाह संपन्न कराया। विवाह के दौरान वर और वधु पूजन, दुबरा का चार, कन्या दान, सिन्दूरदान, लावा पलछन, आशीर्वाद, खिचडी और विदाई सहित अन्य सभी रस्मों को पूरा किया गया। देवी पार्वती के पिता हिमालय और माता मैना ने कन्यादान किया। पूरे आश्रम परिसर को हिमालय के आवास की तरह सजाया गया था।

‘हर-हर महादेव’ ‘ओम नमः शिवाय’ के जयकारे से पूरा वातावरण शिवमय

विवाह संस्कार के दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाये। कन्याओं ने नृत्य गीत प्रस्तुत किया। बीच-बीच में ‘हर-हर महादेव’ और ‘ओम नमः शिवाय’ के जयकारे से पूरा वातावरण शिवमय हो रहा था। विवाह से पहले शनिवार को हल्दी और मेंहदी की भी रस्म पूरी की गई थी।

सनातन धर्म की मजबूती के लिए भारतीय संस्कृति को अपनाना होगा

आश्रम के गुरुदेव ने कहा कि सनातन धर्म की मजबूती के लिए भारतीय संस्कृति को अपनाना होगा और आने वाली पीढी को उससे परिचित कराना होगा। उन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि आज इस्लाम और ईसाईयो के निशाने पर सनातन धर्म और उसके लोग है लेकिन यह धर्म आदिकाल से चला आ रहा है और चलता रहेगा। गुरुदेव ने बताया कि यह आयोजन महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में हो रहा है।

कार्यक्रम में बडी संख्या मे श्रद्धालु और स्वयंसेवक शामिल हुए। आज आश्रम में रुद्राभिषेक का कार्यक्रम और शिव लीलाओं का मंचन भी आश्रम के स्वयंसेवको ने किया।

विशाल भण्डारे के साथ कार्यक्रम संपन्न

गुरुदेव ने बताया कि भगवान शिव सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले है। भगवान शिव का गंगा जल, दूध, दही, शहद, शक्कर, सफेद फूल, धतूरा, मदार, गन्ने का रस, शमी और बेलपत्र से अभिषेक करना चाहिए इससे सभी परेशानिया खत्म होती है और वह प्रसन्न होते है इससे सभी मनोकामनाएं शीध्र पूरी होती है। विशाल भण्डारे के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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