Mukhtar Ansari demise: यूपी के माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर में उनके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। अपने लोकप्रिय नेता की अंतिम विदाई के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी थी। रात से ही लोगों का जमावड़ा मुख्तार अंसारी के घर जिसे फाटक कहा जाता है, पर जमा थी। भीड़ को संभालने में प्रशासन के पसीना छूट गए। हालांकि, मिट्टी देने को लेकर मुख्तार के भाई सांसद अफज़ाल अंसारी और डीएम आर्यका अखोरी के बीच तीखी बहस हुई। डीएम केवल परिजन को मिट्टी देने की बात कह रहीं थीं जबकि अफज़ाल अंसारी ने कहा कि जो भी चाहता है वह मिट्टी देगा, इसके लिए किसी भी परमिशन की आवश्यकता नहीं। बहस के दौरान डीएम ने कार्रवाई की बात की तो उनके भाई ने कहा कि जो भी करना हो करिए लेकिन मिट्टी देने से कोई नहीं रोक सकता।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मुख्तार अंसारी को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की भीड़ पहुंची थी। लोग नम आंखों से अपने नेता को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। हर कोई मुख्तार की एक झलक पाने को बेताब दिखा। भीड़ का आलम यह कि मुख्तार अंसारी के घर से लेकर कब्रिस्तान तक केवल लोग ही लोग थे। लोगों को संभालने में पुलिस प्रशासन को पसीना छूटता दिखा। हालांकि, जनाज़े की नमाज अदा किए जाने के बाद पारिवारिक कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी के शव को लाया गया। शवयात्रा के दौरान हजारों लोग मुख्तार अंसारी को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। कब्रिस्तान में शव को दफनाया गया। परिवार के लोगों और रिश्तेदारों ने बारी-बारी से मिट्टी दी।
चूंकि, हजारों की संख्या में लोग मिट्टी देने पहुंचे थे इसलिए डीएम आर्यका अखोरी ने केवल परिवारीजन को अंदर जाकर मिट्टी देने की बात कही। उन्होंने कहा कि केवल परिवार के लोगों को ही इसके लिए परमिशन दी जाएगी। लोगों को रोके जाने की खबर के बाद सांसद अफज़ाल अंसारी बिफर पड़े। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मिट्टी जो भी देना चाहेगा वह देगा। इसको लेकर डीएम और अफज़ाल अंसारी के बीच तीखी बहस भी हुई। डीएम ने कहा कि अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं देंगे।
अफज़ाल अंसारी ने दो टूक कहा कि मिट्टी देने से किसी को भी नहीं रोक सकते। इसके बाद बहस बढ़ी तो डीएम ने कहा कि वह वीडियोग्राफी कराकर कार्रवाई करेंगी। अफज़ाल अंसारी ने गुस्से में कहा कि आप जो चाहिए करिए। दुनिया में किसी भी कानून में में मिट्टी देने से या धार्मिक आयोजन से कोई नहीं रोकता। यहां धारा 144 लागू हो या कुछ हो, जो मिट्टी देना चाह रहा है उसे नहीं रोका जा सकता। बहस के बाद जिला प्रशासन वीडियोग्राफी कराने लगा और लोग मुख्तार अंसारी के कब्र में मिट्टी देने के लिए अंदर जाने लगे।
28 मार्च की रात में मुख्तार अंसारी का निधन
माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च को हो गई। जेल में अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उनको बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया लेकिन बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद परिजन ने इसे साजिश करार दिया है। अंसारी परिवार का आरोप है कि उनको जहर देकर मारा गया है। पहले भी उनके साथ ऐसी वारदात की जा चुकी है लेकिन अर्जी देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद देर रात उनका शव गाजीपुर स्थित घर पहुंचा। मुख्तार अंसारी को शनिवार की सुबह सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हजारों की संख्या में उनके समर्थक और लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे थे।