Diwali Special: आत्मनिर्भर हो रहीं मुसहर बेटियां, मूस से ‘माउस’ तक लाने की मंशा

Diwali 2022: मुसहर बस्तियों में कभी नियति का नाम रही भुखमरी अब इतिहास की बात है। कभी पेट भरने के लिए मूस (चूहा) पकड़ने और घर के नाम पर टूटी मड़ई में रहने को मजबूर मुसहर भी सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से त्योहार के उल्लास में सराबोर नजर आते हैं। इस बार मुसहर समुदाय के लोग गोरखपुर के वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग दिवाली मनाने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में मुसहर लोगों को भी आमंत्रित किया गया है। महज पांच साल में बदलाव की बयार सुखद अहसास कराने वाली है। लंबे दौर तक भूख, कुपोषण, बदहाली और उपेक्षा का दंश झेल रहे मुसहर समाज के जीवन में योगी सरकार के प्रयासों से अब व्यापक परिवर्तन नजर आता है। कभी वंचितों में भी वंचित माने जाने वाले मुसहर समुदाय के लोग समाज व विकास की मुख्यधारा से जुड़कर जीवन यापन कर रहे हैं।

मुसहर बस्तियों में शिक्षा का उजियारा फैल रहा है तो इससे भी आगे बढ़कर मुसहर बेटियां आत्मनिर्भरता की राह पर कामयाबी की नई इबारत लिख रही हैं। मुसहर समुदाय की कुशीनगर की दो बेटियां राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी से ट्रेनिंग लेने के बाद तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपने-अपने घरों के लिए सही मायने में लक्ष्मी की भूमिका में आ चुकी हैं।

लेकिन किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली…

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में कमोवेश मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं सर्वाधिक तादाद कुशीनगर जिले में है। वरिष्ठ पत्रकार राजीव दत्त पाण्डेय कहते हैं कि कुशीनगर जिले में 138 ग्राम सभाओं में 159 बस्तियों में मुसहर समाज के दस हजार से अधिक परिवार हैं। पांच साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे, लेकिन किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली।

बेबसी में जीवन से संघर्ष कर मुसहर भगवान को कोसने के अलावा कुछ कर भी नहीं पाते थे। समय बदला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही इनके लिए न सिर्फ नई योजनाओं की शुरूआत की, बल्कि धरातल पर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के भी पेंच कसे। अब इन परिवारों के पास अंत्योदय कार्ड से मुफ्त राशन पाने की सुविधा है। मुसहर बाहुल्य कुशीनगर के 10 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत करीब आठ हजार और इससे छूटे मुसहरों के मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत घर बन चुके हैं। स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ दस हजार से अधिक परिवारों को शौचालय की भी सुविधा मिली है।

मुसहरों के जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आए उनके लिए कुशीनगर जिले में मनरेगा के तहत लगभग सभी पात्र मुसहरों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उन्हें समय से रोजगार मुहैया कराने को सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। पेंशन योजनाओं में पात्रों का चयन कर लाभान्वित करने का कार्य भी तेजी से किया गया।

राजीव दत्त पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार

मिल रहा योजनाओं का लाभ, बच्चे भी जा रहे स्कूल

मुसहरों के लिए मकान और बच्चों की शिक्षा की बात सोचनी ही बेमानी थी, दो वक्त की रोटी के इंतजाम के ही लाले थे। पर, अब ये मुसहर अब सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों में गिने जाते हैं। आवास, जमीन, शौचालय, बिजली, रसोई गैस, पेयजल, राशन कार्ड, पेंशन योजनाओं का लाभ, मनरेगा के तहत रोजगार सब कुछ उनके लिए सुलभ हो चुका है। मुसहरों की आगे की पीढ़ी और तरक्की करे, इसके लिए उनके बच्चे स्कूल भी जाने लगे हैं।

मूस से माउस तक लाने की मंशा

मार्च 2017 में सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही योगी सरकार ने ऐसे वंचित तबकों को अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी अनिल कुमार तिवारी कहते हैं कि योगी सरकार की मंशा मूस (चूहा) पकड़ने वाले मुसहरों की वर्तमान और अगली पीढ़ी को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की है, ताकि वह बदलते दौर में किसी से भी पीछे न रहें। बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ सरकार मुसहरों की शिक्षा पर खासा ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री योगी जब भी वनवासियों-आदिवासियों के बीच होते हैं, तो आत्मीयता से उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हैं।

नजीर बनीं मुसहर बेटियां

सरकार की तरफ से प्रोत्साहन मिला तो मुसहर बेटियां भी नजीर बन गईं। सामाजिक कार्यकर्ता मनीष चौबे कहते हैं कि खड्डा ब्लॉक के सुकरौली मदनपुर गांव की मुसहर किरन और इसी गांव की संध्या इन दिनों प्रोडेक्ट आर्मर कम्पनी नरसापुर, तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात से 23 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। ट्रेनिंग दिलाने में माध्यम बनी संस्था मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि कहते हैं कि मुसहरों के जीवन में बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। जब वह गोरखपुर के सांसद थे तब अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर कुशीनगर जाकर मुसहरों के हक की आवाज बुलंद करते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें उनका अधिकार भी दिला दिया। मुसहरों को सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ उनकी शिक्षा व रोजगार पर भी सरकार खास ध्यान दे रही है।

डीएम की अध्यक्षता में गठित है मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी

सीएम योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पूर्वांचल के सर्वाधिक मुसहर आबादी वाले जिले कुशीनगर में जुलाई 2017 में मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया। इस सोसाइटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष और एडीएम वित्त एवं राजस्व सचिव हैं। सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, जिला गन्ना अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य हैं। इसके अलावा समाज के 21 गणमान्य लोगों को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है। सोसाइटी मुसहर समाज के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करती है।

कभी उपेक्षितों में थे शुमार, अब सीएम संग दिवाली का उल्लास

सौ साल तक उपेक्षितों में शुमार रहे वनटांगिया वनवासी अब मुख्यमंत्री संग दीवाली मनाते हैं। गत वर्षों की भांति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपपर्व पर एक बार फिर सोमवार को वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में वनवासियों के साथ त्योहार का उल्लास साझा करेंगे। खास बात यह भी है कि इस बार दिवाली के इस कार्यक्रम में गोरखपुर जिले के मुसहर परिवारों को भी बुलाया गया है। सीएम योगी यहां पूर्वाह्न करीब 11 बजे पहुंचेंगे।

इस दौरान वह जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों के लिए करीब 80 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे। सीएम की तरफ से वनटांगिया परिवारों में भी उपहार का वितरण किया जाएगा। सीएम के कार्यक्रम में अन्य वनग्रामों के निवासी भी सम्मिलित होंगे। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वनटांगिया लोगों के बीच छठवीं बार दिवाली मनाने पहुंचेंगे जबकि सांसद रहते हुए उन्होंने यह सिलसिला 2009 में शुरू किया था।

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