पंचायत चुनावों (Panchayat Election 2021) को लेकर हाईकोर्ट ने योगी सरकार को झटका दिया है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार के फैसले को बदलते हुए 2015 में शुरू हुए आरक्षण रोस्टर को लागू करने का आदेश दिया है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Elections) में आरक्षण (Reservation List) को लेकर (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने साफ कहा है कि 2015 के आरक्षण रोस्टर से ही सूची बने। कोर्ट ने सरकार को दस दिन का अतिरिक्त समय देते हुए 2015 को आधार वर्ष मानकर ही आरक्षण की रोटेशन पालिसी को लागू करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने 25 मई तक नई व्यवस्था के तहत पंचायत करवाने का भी निर्देश दिया है। अब इस फैसले के बाद तमाम सीट्स के समीकरण भी बदल जाएंगे।
सरकार के महाधिवक्ता ने मानी गलती
सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट में माना कि सरकार से आरक्षण रोटेशन में गलती हुई। सरकार ने माना कि 1995 को आरक्षण रोटेशन को आधार वर्ष मानकर गलती हुई। जिसके बाद नये आरक्षण रोटेशन के लिए सरकार ने समय माँगा। जिस पर हाईकोर्ट ने 15 मई के बजाय 25 मई तक पंचायत चुनाव पूरा कराने का आदेश दिया। प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट ने 10 दिन और बढ़ा दिए