विधानसभा गेट पर दरोगा में मारी गोली, कहा: मुख्यमंत्री जी मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा

लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Vidhansabha) की गेट पर एक दरोगा की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक दरोगा ने खुद को गोली मार ली। (Sub Inspector suicide at Vidhansabha gate) दरोगा के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को संबोधित है। विधानसभा के गेट नम्बर 7 पर हुए इस वारदात के बाद अफरातफरी मच गई।

विधानसभा में थी दरोगा की ड्यूटी

दरोगा निर्मल कुमार चौबे (Nirmal Kumar Chaubey) लखनऊ के बंथरा थाने में तैनात थे। लेकिन कुछ दिनों से उनकी ड्यूटी विधानसभा भवन पर लगी थी।
मंगलवार को विधानसभा के गेट नम्बर 7 गोली चलने से अफरातफरी मच गई। साथी पुलिसकर्मी गोली की आवाज सुन दौड़े तो दरोगा निर्मल कुमार के सीने में गोली लगी थी और वह जमीन पर पड़े तड़प रहे थे। आननफानन में साथी उनको सिविल अस्पताल लेकर आए। लेकिन डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया।

सुसाइड नोट CM Yogi को संबोधित

मृतक दरोगा निर्मल कुमार चौबे के पास से एक लाइन का सुसाइड नोट बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में दारोगा निर्मल कुमार ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखी है: ‘मुख्यमंत्री जी ! मैं बीमार हूं। मैं जा रहा हूं। मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा।’
दारोगा निर्मल कुमार (Sub Inspector Nirmal Kumar Chaubey suicide) के इस मार्मिक सुसाइड नोट ने पुलिस महकमा गमगीन है।

काफी डिप्रेशन में थे निर्मल कुमार

साथी पुलिसकर्मियों के मुताबिक 55 साल के निर्मल कुमार चौबे अवसादग्रस्त थे। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से मानसिक तौर पर बीमार थे और एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कारण

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर (Police Commissioner D K Thakur) ने बताया कि अपराह्न 3 बजे विधानसभा गेट नंबर 7 की पार्किंग में गोली चलने की आवाज आई। फायरिंग की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी पार्किंग में पहुंचे तो दारोगा निर्मल कुमार चौबे खून से लथपथ जमीन पर पड़े मिले। तुरंत उन्हें सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई। दारोगा के पास से एक लाइन का सुसाइड नोट बरामद हुआ। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दे दी है।

मिलनसार स्वभाव रहा है दरोगा का

मृतक दारोगा निर्मल कुमार चौबे के साथी पुलिसकर्मियों का कहना है कि वह स्वभाव से बहुत अच्छे और कर्तव्यनिष्ठ थे। उनके हाव-भाव से कभी ऐसा नहीं लगा कि वह इतने परेशान हैं और ना ही कभी उनके चेहरे पर कोई शिकन नजर आई।