लखनऊ। यूपी में योगी सरकार 2.0 (Yogi Government) के 100 दिन पूरे होने के साथ जहां एक ओर सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने में व्यस्त हैं, वहीं, एक साथ तीन-तीन मंत्रियों ने आंतरिक तौर पर मोर्चा खोल कर खलबली मचा दी है। राज्यमंत्री दिनेश खटिक ने तो लेटर बम फोड़ने के साथ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा तक अमित शाह को भेज दिया है। उधर, कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद भी अपने विभाग के कई अधिकारियों व ओएसडी पर कार्रवाई से नाराज होकर दिल्ली दरबार में पहुंचे हैं। यही नहीं पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य महकमा में खलबली मचाने वाले उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी नाराज होकर दिल्ली दरबार तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। ऐसे में 100 दिन की उपलब्धियों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को डैमेज कंट्रोल के लिए भी अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती दिख रही है।
दरअसल, राज्यमंत्री दिनेश खटिक ने खुद ही आगे आकर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेज इस्तीफा दे दिया है। दिनेश खटिक मंगलवार को योगी मंत्रिमंडल की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। यूपी सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटिक सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद भी काम का आवंटन न होने, अधिकारियों द्वारा सुनवाई न करें और खुद का अपमान किए जाने से नाराज हैं। इसके बाद बुधवार को उन्होंने इस्तीफा दिया और एकाएक दिल्ली के लिए रवाना हो गए। भले ही उनका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है लेकिन उनके इस्तीफे की पुष्टि सरकार, राजभवन या संगठन के स्तर पर नहीं हुई है।
क्यों नाराज हुए जितिन प्रसाद ?
उधर, सोमवार को योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग के ओएसडी के खिलाफ सोमवार को बड़ी कार्रवाई कर दी। 350 विभागीय कर्मियों के तबादले के मामले में ओएसडी अनिल कुमार पांडेय की सेवा केंद्र को वापस कर दी गई। इसी के साथ तबादलों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद जांच भी बैठाई गई है। जांच के बाद कार्रवाई की भी बात सामने आ रही है। ओएसडी मंत्री के करीबी बताए जा रहे है। मामले में मंगलवार को ओएसडी के बाद विभागाध्यक्ष को भी हटा दिया गया। जिसके बाद मंत्री जितिन प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है वह इस मामले से केंद्रीय नेतृत्व को भी अवगत करवाएंगे।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक इसलिए हैं नाराज
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार इन दिनों अपनी कार्यप्रणाली के चलते चर्चाओं में बने हुए हैं। हालांकि, उनकी नाराजगी है कि विभागीय स्तर पर भी उनकी सुनी नहीं जा रही है। एक ओर वह जहां स्वास्थ्य विभाग को बेहतर करने के लिए लगातार औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके निर्देशों पर तेजी से कार्रवाई नहीं हो रही। हाल ही में बिना मंत्री की जानकारी के जिस तरह से स्वास्थ्य महकमे में बड़े स्तर पर तबादला हुआ उसके खिलाफ भी उन्होंने सीएम स्तर पर शिकायत की। इसके बाद भी तमाम विभागों ने तबादलों का खेल जारी है।
दिनेश खटिक के इस्तीफे में सामने आई पुरानी समस्या
राज्यमंत्री दिनेश खटिक की ओर से जिस समस्या का जिक्र करते हुए इस्तीफा दिया गया वह समस्या योगी सरकार 2.0 से पहले भी सामने आई थी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भी पूर्ववर्ती सरकार के कई मंत्री और विधायकों ने दलितों की अनसुनी का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था। इसी बात को को वजह बनाते हुए दिनेश खटिक ने भी गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।
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