UP में सरेआम तड़तड़ाई गोलियां, बरसाएं गए बम: विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह और गनर की हत्या

Raju Pal murder case: यूपी के चर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह और उनके गनर की शुक्रवार को सरेआम हत्या कर दी गई। कोर्ट में गवाही देकर जैसे मुख्य गवाह घर की गेट पर पहुंचे थे कि उन पर हमला हो गया। हमले में दो लोग मारे गए जबकि एक गनर गंभीर रूप से घायल हो गया। वारदात प्रयागराज में हुआ। इस हमले के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। हमलावर कौन थें, कहां से आए थे, फिलहाल पता नहीं चल सका है।

घर के गेट पर पहुंचे कि हमलावरों ने गोलियां बरसाईं-बम से किया हमला

राजू पाल हत्यांड के मुख्य गवाह उमेश पाल हैं। वह शुक्रवार को अपने गनर संदीप मिश्रा व राघवेंद्र सिंह की सुरक्षा में कोर्ट में गवाही देने गए थे। गवाही के बाद वह जैसे ही प्रयागराज स्थित अपने घर पहुंचे, पहले से ही घात लगाए हमलावरों ने हमला बोल दिया। चार-पांच की संख्या में शार्प शूटर्स ने उनके अपने घर के गेट पर पहुंचते अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। अचानक हुई फायरिंग से उमेश पाल संभल नहीं पाए। हालांकि, किसी तरह वह जान बचाने के लिए घर के भीतर भागे। ताबड़तोड़ फायरिंग के बीच हमलावरों ने बम भी फेंके। इस हमले में मुख्य गवाह उमेश पाल और उनका एक गनर संदीप मिश्रा मौके पर ही मारे गए। जबकि एक गनर राघवेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है।

पश्चिमी इलाहाबाद से बसपा के विधायक थे राजू पाल

साल 2005 में 25 जनवरी को इलाहाबाद पश्चिमी के विधायक राजू पाल की सुलेमसराय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजू पाल बसपा के विधायक थे। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उनके छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ को आरोपी बनाया गया था। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल वर्तमान में कौशाम्बी के चायल सीट से सपा के सिंबल पर विधायक हैं। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह थे। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था। राजू पाल हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की थी। उमेश पाल इस मामले में मुख्य गवाह था।

अतीक और उमेश के बीच डेढ़ दशक से दुश्मनी

राजू पाल हत्याकांड के बाद जब उमेश पाल मुख्य गवाह बना तो अतीक अहमद और उमेश के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। गवाह बनने के बाद तत्कालीन सांसद अतीक अहमद ने उमेश पाल को किडनैप करवा लिया था। उमेश पाल ने अतीक गिरोह के खिलाफ पांच एफआईआर करवा चुके थे। उमेश पर अतीक गैंग ने कई बार हमले कराए लेकिन हर बार वह बच निकले। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई कि गवाही दी तो मार दिया जाएगा। छूटने के बाद उमेश ने बाहुबली अतीक अहमद, अशरफ समेत गिरोह के कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। इसमें भी अतीक गैंग को आरोपी बनाया गया था। 2022 में भी उन पर हमला हुआ था।