बाबा विश्वनाथ के लिए मेवे का सेहरा, गौरा पहनेंगी गुजरात का गुलाबी लहंगा

वाराणसी। महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर शिव को दूल्हा और गौरा को दुल्हन बनाने की तैयारी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Mandir) के महंत डा. कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर जोर शोर से चल रही है।

महंत आवास को रंग बिरंगे झालरों और फूलों से सजाया जा रहा है। खास अवसर के लिए शिव और पार्वती के लिए विशेष परिधान तैयार कराए गए हैं। दूल्हा बनने वाले भगवान शिव के सिर पर मेवे का सेहरा सजेगा तो देवी पार्वती गुजरात का लहंगा धारण कर विवाह मंडप में विराजमान होंगी।

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने बताया भगवान शंकर की रजत मूर्ति को धारण कराया जाने वाला सेहरा सूखे मेवों से तैयार कराया गया है। वहीं माता गौरा के लिए गुजरात का गुलाबी लहंगा खासतौर से मंगाया गया है। बहुरंगी रेशमी धागों से की लहंगे पर कढ़ाई की गई है। लहंगे के बार्डर पर नगदार गोटे भी लगवाए गए हैं।

महाशिवरात्रि पर 11 मार्च को विवाह की रस्म विधि विधान से महंत आवास पर रात्रि आठ से दस बजे तक होगी। महंत आवास पर बाबा के विवाह की परंपरा का निर्वाह करने के उपरांत महंत परिवार के सदस्य काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड पूर्ण करने के लिए प्रस्थान करेंगे।