Petition in High Court for caste census: बिहार के बाद अब जाति आधारित जनगणना की मांग यूपी में भी तूल पकड़ने लगी है। ओबीसी आर्मी के अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाति आधारित जनगणना की मांग करते हुए याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस दिया है। जाति आधारित जनगणना पर राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करना होगा।
यूपी कोआपरेटिव बैंक लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल करते हुए कहा कि यूपी में पिछड़ा वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए जाति आधारित जनगणना कराना अत्यावश्यक है। ओबीसी की जनगणना नहीं होने से यह समाज काफी पिछड़ा हुआ है। संख्या बल का सही अंदाजा नहीं होने से समाज के तमाम वर्ग अपने हक और हित से वंचित रह जा रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि यूपी की आबादी का 60 से अधिक प्रतिशत पिछड़ा समाज का है लेकिन उनके हक नहीं मिल पा रहे। ऐसे में न्यायापालिका से ही उम्मीद है कि वह उनके हक को दिखा सकेगी।
बिहार में जाति आधारित जनगणना पर मची है रार
बिहार की नीतीश कुमार सरकार जाति आधारित जनगणना करा रही है। इसके विरोध में विभिन्न संगठन हैं। हालांकि, बीते दिनों हाईकोर्ट ने जाति जनगणना को जारी रखने का फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जाति जनगणना को तत्काल रोकने और तत्काल सुनवाई से मना कर दिया। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट 14 अगस्त को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने साफ कहा कि 80 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हो चुका है। सुनवाई तक 90 प्रतिशत पूरा हो जाएगा। इससे क्या फर्क पड़ता है। अब सबकी निगाहें 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर है।
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