Demand for Indian Weapons: रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में यूरोपीय डिफेंस ऑर्डर की पहली लहर भारत में देखने को मिलेगी. इससे भारतीय डिफेंस कंपनियों के लिए निर्यात के रास्ते खुलेंगे.
Demand for Indian Weapons: भारत की डिफेंस इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है और देश आने वाले समय में इस सेक्टर में ग्लोबल पावरहाउस के रूप में उभरेगा. वित्त वर्ष 24 में देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपये रहा, जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष में 15,920 करोड़ रुपये था. इसमें सालाना आधार पर 32.5 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.
नुवामा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में भारत का डिफेंस सेक्टर में 31 गुना बढ़ गया है, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी स्थिति मजबूत हुई है और अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि हुई है.रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत सरकार ने वित्त वर्ष 29 के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा है, जो कि दर्शाता है कि आने वाले समय में सेक्टर मजबूत रहेगा.
अकेले वित्त वर्ष 2025 में निर्यात 20,300 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे अंतरराष्ट्रीय डिफेंस सप्लाई चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी. इस वृद्धि के लिए सबसे बड़ा कारण यूरोप से बढ़ती मांग है. यूरोपीय देशों में विनिर्माण बाधाओं और कार्यबल की कमी के कारण भारत डिफेंस उपकरणों के एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर रहा है.
रक्षा खरीद की योजना
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में यूरोपीय डिफेंस ऑर्डर की पहली लहर भारत में देखने को मिलेगी. इससे भारतीय डिफेंस कंपनियों के लिए निर्यात के रास्ते खुलेंगे. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत सरकार भी डिफेंस सेक्टर को तेजी से बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. वित्त वर्ष 25 में धीमे ऑर्डर प्लेसमेंट को देखते हुए मार्च 2025 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये की बड़े पैमाने पर रक्षा खरीद की योजना बनाई गई है.
अमेरिका का असर
रिपोर्ट में कहा गया कि इस कदम से भारत के डिफेंस शेयरों में तेजी आ सकती है. रिपोर्ट में बताया गया कि ग्लोबल डिफेंस डायनामिक्स में बदलाव भारत के लिए अतिरिक्त अवसर पैदा कर रहा है. यूक्रेन को सैन्य सहायता में कटौती करने के अमेरिका के फैसले से नाटो की अमेरिकी डिफेंस फंडिंग पर भारी निर्भरता कम होगी. पिछले एक दशक में नाटो के कुल डिफेंस खर्च में अमेरिका का योगदान करीब 70 प्रतिशत का रहा है. अब यूरोपीय राष्ट्रों पर अपनी रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने का दबाव है. नुवामा के अनुसार, इस परिवर्तन से भारतीय डिफेंस प्रोडक्ट्स की मांग में और वृद्धि होने की उम्मीद है.
NDTV India – Latest
More Stories
नागपुर हिंसा पर क्या बोले CM देवेंद्र फणडवीस? कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
US strikes in Yemen: अमेरिका का यमन पर लगातार दूसरे दिन हमला, निशाने पर हूती विद्रोही
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले बिल गेट्स, कृषि और ग्रामीण विकास में सहयोग पर हुई चर्चा