November 20, 2024
Jatayu breeding centre

गोरखपुर में बना एशिया का पहला जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे उद्घाटन

राजगिद्ध जटायु की गाथा तो रामायण काल से ही सभी जानते हैं लेकिन पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया।

Gorakhpur Vulture Breeding centre: गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में स्थापित ‘जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र’ का उद्घाटन 6 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। यह केंद्र एशिया में राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण के लिए समर्पित है।

राजगिद्ध के अस्तित्व पर संकट

रामायण काल से प्रसिद्ध राजगिद्ध जटायु की कहानी सभी जानते हैं, लेकिन वर्तमान समय में पर्यावरणीय खतरों के चलते इस प्रजाति के अस्तित्व पर संकट आ गया है। योगी सरकार ने इस संकट को दूर करने का संकल्प लिया है और इसी दिशा में यह नया केंद्र स्थापित किया गया है।

संरक्षण केंद्र से राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी

गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज में बनाए गए इस केंद्र से राजगिद्धों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। साथ ही, विलुप्त होती इस प्रजाति के संरक्षण से पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। केंद्र में राजगिद्धों के संरक्षण के साथ-साथ इको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

केंद्र की विशेषताएं और लागत

इस जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये की लागत आई है। केंद्र में ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्डरूम, जेनरेटर रूम, और पाथवे का निर्माण किया गया है।

सीसीटीवी के जरिये होगी निगरानी

केंद्र में कुल 6 राजगिद्धों (नर एवं मादा) को लाया जा चुका है और उनकी निगरानी सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जाएगी। केंद्र में 8 स्टाफ सदस्य कार्यरत हैं जो इन राजगिद्धों की देखभाल और प्रबंधन करेंगे।

संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी का समझौता

गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव के अनुसार, इस केंद्र का निर्माण पांच हेक्टेयर जमीन पर किया गया है। इसके लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता हुआ है।

भविष्य की योजना: 40 जोड़े राजगिद्धों को छोड़े जाने का लक्ष्य

गोरखपुर वन प्रभाग द्वारा बनाई गई कार्य योजना के अनुसार, इस जटायु संरक्षण केंद्र से आगामी 8-10 साल में 40 जोड़े राजगिद्धों को छोड़े जाने का लक्ष्य है, जिससे इनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकेगी।

वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल, मनीष चौबे, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनिल कुमार तिवारी ने हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से शुरू किया किया यह केंद्र गोरक्षनगरी को वैश्विक फलक पर स्थापित करेगा।

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