वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Dham Project) का उद्घाटन करेंगे। वाराणसी में बन रहे बहुप्रतिक्षित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च 2019 को रखी थी।
54 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैले काशी विश्वनाथ धाम के शिलान्यास के 33 महीने 4 दिन बाद 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी लोकार्पण करेंगे। इसके साक्षी काशीवासी ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के शिव भक्त भी होंगे।
आम लोगों के लिए खुल जाएगा काशी विश्वनाथ धाम
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham Project) का लगभग 244 साल बाद रेनोवेशन हुआ। उद्घाटन कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए कई सप्ताह से तैयारियां चल रही हैं। सोमवार को संतों-महंतों, धर्माचार्यों, आध्यात्मिक गुरुओं की मौजूदगी में बतौर यजमान पीएम नरेंद्र मोदी पूजन कर बाबा धाम का लोकार्पण करेंगे। शिव और उनकी प्रिय उत्तर वाहिनी गंगा को एक-दूसरे से जोड़ने वाले श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की भव्यता इन दिनों देखते ही बन रही है। धाम के लोकार्पण को देखते हुए काशी को सजाया गया है। सोमवार की रात काशी में एक बार फिर दिवाली मनाई जाएगी और अर्द्धचंद्राकार गंगा घाट लाखों दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे। पीएम मोदी के उद्घाटन के बाद बहुप्रतीक्षित कॉरिडोर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
धार्मिक शहर को मिलेगी मजबूती
केंद्र की इस बड़ी परियोजना से धार्मिक शहर में पर्यटन को और मजबूती मिलेगी। और नए साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों ओर बनी इस परियोजना का उद्घाटन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का मुख्य प्रवेश द्वार और अन्य द्वार नक्काशी पत्थर से बने है। इस कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर वाराणसी के लोगों और देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले पर्यटकों में खासा उत्साह है। इसलिए उद्घाटन के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
कई दिनों से सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाला है मोर्चा
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Dham Project) के उद्घाटन को भव्यता देने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वह पूरे उद्घाटन समारोह की कमान संभाले हुए हैं। कार्यक्रम में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
समारोह की तैयारियों में जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना के पहले चरण में कुल 23 भवनों का उद्घाटन किया जाएगा। वे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सिटी म्यूजियम, व्यूइंग गैलरी, फूड कोर्ट आदि सहित विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र में 300 से अधिक संपत्तियों की खरीद और अधिग्रहण किया गया है।
14 हजार लोगों को विस्थापित होना पड़ा
काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने कहा कि शहर के लोग उत्साह से लबरेज हैं क्योंकि कई वर्षों के बाद ‘विश्वनाथ धाम’ बनकर तैयार है। विशेष रूप से, काशी विश्वनाथ मंदिर के ‘ज्योतिर्लिंग’ को अन्य बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, यही वजह है कि यहां लाखों भक्त प्रार्थना करने आते हैं। पहले यह मंदिर केवल दो हजार मीटर की दूरी पर स्थित था, लेकिन अब यह 50 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। पुजारी ने इस कॉरिडोर के निर्माण में आ रही दिक्कतों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने की राह कठिन है क्योंकि करीब 14,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। अब मंदिर से गंगा घाट को आसानी से देखा जा सकता है।
अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था पहले जीर्णोद्धार
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के दोनों स्वर्ण शिखरों पर 1835 में महाराज रणजीत सिंह ने सोना चढ़वाया था। धाम के लोकार्पण से पहले दोनों स्वर्ण शिखरों की सफाई कराई गई है। साफ-सफाई के बाद स्वर्ण शिखर पहले से ज्यादा दमकने लगे हैं।
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