November 21, 2024
Jokhan Tiwari

जिसकी हत्या के जुर्म की सजा काट रहे थे चार सगे भाई 13 साल बाद मिला दिखा गांव में

चकनिरंजन गांव के बेचन तिवारी ने 31 अक्तूबर 2008 को तहरीर देकर छोटे भाई जोखन तिवारी का अपहरण कर हत्या के बाद शव गायब करने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसके लिए पड़ोसी काशीनाथ, दयाशंकर तिवारी और उनके साले बंशनाथ व छोटन पर लगाया था। पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया था।

ललितपुर के विष्णु को न्यायिक प्रक्रिया की वजह से जीवन के महत्वपूर्ण बीस साल बर्बाद खराब होने का मामला अभी सुर्खियों में ही था कि भदोही में भी एक अचंभित करने वाली घटना ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया। जिस व्यक्ति की हत्या के मामले में चार लोग पांच साल की सजा काट रहे थे वह व्यक्ति 13 साल बाद जिंदा घर वापस लौट आया है।

चार सगे भाई हत्या की सजा काट रहे

भदोही के गोपीगंज थाना क्षेत्र के चकनिरंजन गांव में सगे भाईयों समेत चार लोगों को अपहरण के मामले में वर्ष 2009 में पांच साल की सजा हुई थी। चार वर्षों तक जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से सभी को जमानत मिली।
इस बीच एक ऐसी घटना घटी जिससे पूरा गांव अवाक रह गया। जिस व्यक्ति की हत्या का आरोप था और चार लोग सजा काट रहे थे वह व्यक्ति अचानक से गांव में दिख गया। बुधवार की भोर में 13 साल से गायब अधेड़ घर पर दिखने से से अचंभित हो गए। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। गुरुवार को जिला न्यायालय में उसे पेश किया जाएगा।
उधर, अपहरण व हत्या के झूठे मामले का पर्दाफाश होने पर सजा काट रहे परिजनों ने राहत की सांस ली है।

जोखन तिवारी का अपहरण व हत्या का था आरोप

चकनिरंजन गांव के बेचन तिवारी ने 31 अक्तूबर 2008 को तहरीर देकर छोटे भाई जोखन तिवारी का अपहरण कर हत्या के बाद शव गायब करने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसके लिए पड़ोसी काशीनाथ, दयाशंकर तिवारी और उनके साले बंशनाथ व छोटन पर लगाया था। पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया था।
चारों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी गई। वर्ष 2009 में जिला न्यायालय ने चारों आरोपितों को पांच वर्ष की सजा सुनाई। करीब तीन साल जेल में रहने के बाद चारों को प्रयागराज हाईकोर्ट से जमानत मिली। इसी बीच, बुधवार की भोर में अचानक पड़ोसी घर की महिलाओं ने जोखन को घर में देखा तो चैंक गईं। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस उसे गोपीगंज थाने ले आई।

अपहरण के मामले में चार लोगों को पांच वर्ष की सजा के मामले में न तो पुलिस की गलती है और न ही न्यायालय की। शिकायत के बाद केस दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई थी और उसके बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया। जिंदा मिले बेचन को हिरासत लिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस अगला कदम उठाएगी।
राम बदन सिंह, पुलिस कप्तान, भदोही

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