देश की आजादी में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुए चौरीचौरा आंदोलन के शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किये गए इस उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने चौरीचौरा के शहीदों की स्मृति में 5 रुपए का डाक टिकट भी जारी किया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह में वर्चुअल प्रतिभाग किया जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य कार्यक्रम में उपस्थित रहे।भोजपुरी में पीएम ने किया अभिवादनप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विशेष अंदाज भोजपुरी भाषा में लोगों का स्वागत और अभिन्दन करते हुए कहा कि ‘शिव अवतारी गोरक्षनाथ की धरती के प्रणाम करत बाड़ी। देवरहवा बाबा के आशीर्वाद से ज़िला खूब बढ़त बा। आप लोगन के प्रणाम करत बाड़ी।शहीदन के नमन करत बाड़ी।’बता दें गोरखपुर सहित भोजपुरी पट्टी में जब भी पीएम मोदी का भाषण या कार्यक्रम हुआ तो वह अभिवादन भोजपुरी में ही किये हैं।
यह घटना आजादी के संघर्ष की महत्वपूर्ण कड़ी
उद्धघाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा सौ वर्ष पहले चौरीचौरा में जो हुआ वह सिर्फ एक आगजनी की घटना नहीं थी बल्कि इसका संदेश व्यापक था। यह आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, क्यों हुई यह भी महत्व रखता है।उन्होंने कहा आग थाने में नहीं जन जन के दिलोंं में प्रज्वलित हो चुकी थी। पूरे साल आयोजित होने वाले इस समारोह में हर गांव और हर क्षेत्र के सेनानियों के बलिदान को याद किया जाएगा। यह समारोह और भी मह्त्वपूर्ण हो जाता है जब स्वतंत्रता दिवस के 75 वें सोपान में प्रवेश करेंगे। चौरीचौरा स्वत: स्फुर्त आंदोलन था। इसने स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी। यहाँ की मिट्टी में बलिदानियों का खून मिला है। इतिहास में ऐसी कम ही घटनायें होंगी जिसमें किसी एक घटना पर 19 लोग को फांसी दी गयी हो। हमें बाबा राघवदास और मदन मोहन मालवीय को भी नमन करना चाहिए कि जिनके प्रयास से इस घटना में फांसी दिए जाने वाले 150 लोगों की जान बची। पीएम ने कहा कि पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों से साल भर चलने वाले इस प्रेरणादायक समारोह के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
मुख्यमंत्री ने किया सबका स्वागत
प्रधानमंत्री के उद्बोधन से पहलेमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत और अभिनन्दन किया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रेरणा और मार्गदर्शन के फलस्वरुप पूरे प्रदेश में मनाये जा रहे इस शताब्दी समारोह के माध्यम से हम सभी अमर बलिदानियों के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। इस घटना ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी। जन जन में स्वदेश और स्वावलंबन की भावना का सृजन हुआ। इस महोत्सव का उद्देश्य शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना है। देश व राष्ट्र की भावना को सर्वोपरि रखना है।
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