November 24, 2024
Shaheed Asfaque Ullah Khan

शहीद अशफाकउल्ला खान जयंती: 25 साल की उम्र में अंग्रेजों की नाकों में दम कर दिया, 27 साल में मां भारती के लिए सर्वोच्च बलिदान

अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्तूबर 1900 में उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले के शहीदगढ़ में हुआ।

Shaheed Asfaqueullah Khan 122th jayanti: मां भारती को आजाद कराने के लिए अंग्रेजी शासन से संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अशफाकउल्ला खान की 122 वीं जयंती शनिवार को मनाई गई। हेरिटेज फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अशफाकउल्ला खान को याद किया गया । हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने कहा कि अमर क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां (Shaheed Asfaqueullah Khan), भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रमुख क्रान्तिकारियों में से एक थे। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में बिस्मिल और अशफाक की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का बेजोड़ उदाहरण है। सिर्फ 27 साल की उम्र में उन्होंने देश की आजादी के लिए फांसी का फंदा चूम झूल गए।

शहीद अशफाकउल्ला खान की कविताएं क्रांति की लौ जगाती

शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान (Shaheed Asfaqueullah Khan zoo) के सभागार में आयोजित जयंती समारोह में डॉ अनिता अग्रवाल ने कहा कि अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्तूबर 1900 में उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले के शहीदगढ़ में हुआ। पिता पठान शफिकुल्लाह खान और माता मजहूर-उन-निसा के चार पुत्रों में सबसे छोटे अशफाक थे। अशफाक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ कविताएं भी लिखते। इसके पूर्व गुरु कृपा संस्थान की ओर से उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में 122 दीपक जलाए गए।

25 साल की उम्र में अंग्रेजी शासन के नाक में दम

गुरुकृपा संस्थान के संस्थापक सचिव एवं अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि शहीद अशफाक ने 25 साल की उम्र में अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिल ब्रिटिश सरकार की नाक के नीचे से सरकारी खजाना लूट लिया था। इस क्रांतिकारी घटना को ‘काकोरी कांड’ के नाम से जाना गया जिसमें 19 दिसम्बर 1927 को अशफाक उल्ला खान को फैजाबाद जेल में फांसी दे दी गई।

प्राणी उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि शहीद अशफाक-उल्ला-खान ने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शहीद अशफाकउल्ला खान पं रामप्रसाद बिस्मिल के काफी करीब थे। दोनों अच्छे दोस्त होने के साथ ही अच्छे शायर भी थे। उनका उर्दू उपनाम हसरत था। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनकी जयंती एवं पुण्य तिथि पर प्राणी उद्यान हर साल कार्यक्रम आयोजित करेगा।

वरिष्ठ नागरिक केएस श्रीवास्तव एवं डॉ डीके राय ने भी संबोधित किया। विचार गोष्ठी में आए अतिथियों एवं नागरिकों का प्रशासनिक अधिकारी राजीव श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान रेंजर राजेश पाण्डेय, चंद्रभूषण पासवान, शिवेंद्र यादव, हरि गोविंद सिंह, प्रदीप त्रिपाठी, अश्वनी पांडेय, अभिषेक त्रिपाठी, अजीत शुक्ला, रमा पांडेय, नीलेश पांडेय समेत काफी संख्या में लोग शामिल हुए।

हिमालयन ब्लैक बीयर को कराया बाड़ा में प्रवेश

शहीद अशफाक उल्ला खॉ के 122 जन्मदिन पर प्राणी उद्यान प्रबंधन ने हिमालयन ब्लैक बीयर बीरू को बाड़ा में प्रवेश कराया। इस दौरान विभिन्न स्कूलों से आए छात्रों का उत्साह देखते ही बन रहा था। बीरु ने भी बाड़ा में खुद को पाकर काफी मस्ती की। प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ योगेश प्रताप सिंह एवं जू कीपर ने उसे बाड़ा प्रवेश कराया।

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