July 7, 2024

CM योगी का धौंस दिखा राममंदिर के लिए वसूलता था चंदा, इतने डीएम-एसपी से लाखों झटके

एसटीएफ के अनुसार आरोपी अरविंद ने मुख्यमंत्री की धौंस दिखा श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के लिए चंदा के नाम पर बड़े अधिकारियों से पैसा वसूलने शुरू किये। बनारस के डीएम से एक लाख रुपये वसूला

Lucknow. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धौंस दिखाकर अधिकारियों से राम मंदिर के नाम पर फर्जी वसूली हो रही है। श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के नाम पर चंदा उगाही करने के आरोपी अरविंद मिश्रा को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने रविवार को उसे मुसाबनी के आईसीसी बेकरी के पास से कॉफी पीने के दौरान गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने गिरफ्तार करने के बाद उसे जमशेदुपर के मुसाबनी थाना ले गयी जहां से पूछताछ के लिए साथ लेकर लखनऊ रवाना हो गयी।

जबरिया कर रहा था उगाही

एसटीएफ के एक अधिकारी के अनुसार मूल रूप से यूपी के अमेठी का रहने वाला अरविंद मिश्रा अपने ससुराल मुसाबनी में रहता है। लगभग छह माह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय का अधिकारी बता और उनके नाम की धौंस दिखा मोबाइल फोन के जरिए सुनियोजित तरीके से विभिन्न जिलों के आला अधिकारियों से रुपये की उगाही कर रहा था।

सीएम के नाम पर बनारस डीएम से वसूले एक लाख

एसटीएफ के अनुसार आरोपी अरविंद ने मुख्यमंत्री की धौंस दिखा श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के लिए चंदा के नाम पर बड़े अधिकारियों से पैसा वसूलने शुरू किये। बनारस के डीएम से एक लाख रुपये वसूला। इसी तरह यूपी के कई एडीएम, डीएम, एसडीएम, शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित कई आला अधिकारियों को चूना लगाते हुए लगभग दस लाख रुपये वसूले।
एसटीएफ पूछताछ कर रही कि उसने किन-किन अधिकारियों से कितने रुपये वसूले हैं।

गोंडा व कौशांबी एसपी से मांगने पर आया शिकंजे में

एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी अरविंद ने गोंडा और कौशांबी के एसपी को फोन कर रुपये मांगे। इन अधिकारियों को शक होने पर लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया। वहां से पता चला कि अरविंद मिश्रा नाम का कोई अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत नहीं है। मामला सामने आने पर यूपी सरकार में हड़कंप मच गया। पुलिस हरकत में आयी और यूपी एसओजी गोंडा, एसटीएफ लखनऊ और इलाहाबाद के आला पुलिस अधिकारियों की टीम गठित की गयी। मामला मुख्यमंत्री के नाम से जुड़ा था इसलिए तुरंत कार्रवाई शुरू की गयी।

बैंक के सीसीटीवी से हुई पहचान

जांच टीम ने अपराधी का फोन ट्रेस करना प्रारंभ किया तो लोकेशन बंगाल के खड़गपुर और झारखंड के मुसाबनी दिखाया। जिसके बाद एसटीएफ व यूपी एसओजी की टीमों ने 17 फरवरी को खड़गपुर पहुंच जांच-पड़ताल शुरू की। अपराधी की भनक तो वहां नहीं लगी पर बैंक ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। जिससे पता चला कि उसका पंजाब एंड सिंध बैंक खड़गपुर में आना-जाना है। सीसीटीवी कैमरा फुटेज में उसे एक महिला के साथ वहां देखा गया।

मुसाबनी में पकड़ा गया

टीम रविवार को मुसाबनी पहुंची तो इत्तेफाक से मुसाबनी नंबर 1 पोस्ट ऑफिस ग्राउंड में अधिकारियों को अचानक नजर आया। टीम ने उसका पीछा करना शुरू किया। वहां से कुछ ही दूर आईसीसी बेकरी के समीप कॉफी पीने के दौरान टीम ने उसकी फोटो से मिलान करने के बाद उसे धर दबोचा।

अमेठी के बैंक में अकाउंट

प्रारंभिक पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। जांच में पता चला है कि उसका अकाउंट अमेठी के किसी बैंक में है, जहां से उसने चेक बुक ली थी। और जब अधिकारी से पैसे अकाउंट में आ जाते थे तो मैसेज मोबाइल में आते ही वह सारा पैसा खड़गपुर के पंजाब एंड सिंध बैंक से जाकर निकाल लेता था।

करता अलग-अलग सिम का प्रयोग

अरविंद अधिकारियों को फोन करने के लिए वह अलग-अलग सिम का इस्तेमाल करता था। जिसमें यह पता चला है कि उसने एक माह में यूपी के प्रतापगढ़ से 20 सिम खरीदी थी। यूपी एसटीएफ की टीम उसे पूछताछ के लिए अपने साथ लखनऊ लाई है।

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